Jindgi ki bhagembhag m kuch der is prkar beth ker socha ja sekta h.Aap n ek bachye k chiter k dawra bhut hi Achhi baat kehi h.Aap ko sadhu-bad. NARESH MEHAN
नन्ही मासूम बेटिओं के नाम : बाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा की तीन कविताएँ १. मम्मी - पापा कितने अच्छे , मुझको यह , दुनिया दिखलाई, ऐसे कई हैं मम्मी - पापा कोख से ही कर देते विदाई. २. कितनी भोली कितनी प्यारी उन तक पहुँच रही किलकारी, फूल कहें या तितली मुझको , सूरत सबसे न्यारी - न्यारी ३. कसरत कर मजबूत बनूंगी, खुद की रक्षा खुद करूंगी. बेटा बनकर करूंगी काम, तब फैलेगा जग में नाम.
Jindgi ki bhagembhag m kuch der is prkar beth ker socha ja sekta h.Aap n ek bachye k chiter k dawra bhut hi Achhi baat kehi h.Aap ko sadhu-bad.
ReplyDeleteNARESH MEHAN
नन्ही मासूम बेटिओं के नाम :
ReplyDeleteबाल साहित्यकार दीनदयाल शर्मा की तीन कविताएँ
१.
मम्मी - पापा
कितने अच्छे ,
मुझको यह ,
दुनिया दिखलाई,
ऐसे कई हैं
मम्मी - पापा
कोख से ही
कर देते विदाई.
२.
कितनी भोली
कितनी प्यारी
उन तक
पहुँच रही
किलकारी,
फूल कहें या
तितली मुझको ,
सूरत सबसे
न्यारी - न्यारी
३.
कसरत कर
मजबूत बनूंगी,
खुद की रक्षा
खुद करूंगी.
बेटा बनकर
करूंगी काम,
तब फैलेगा
जग में नाम.